स्थानीय संवाददाता — युवा संघर्ष मोर्चा ने ग्राम पंचायतों में बिना निविदा उपकरण खरीदने और इलेक्ट्रॉनिक व इलेक्ट्रिकल सामान में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया है। संगठन ने कहा है कि वह जमीन स्तर पर जाकर भिक्षाटन कर धन इकट्ठा करेगा और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर कानूनी लड़ाई लड़ेगा।
युवा संघर्ष मोर्चा के संयोजक और सिविल बार के उपाध्यक्ष शैलेंद्र पांडे ने स्पष्ट कहा, “अब लड़ाई आर-पार की होगी। जनता के मतदान से चुने गये किसी भी प्रतिनिधि का कर्तव्य जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना है — सरकारी तंत्र को दुकान बनाने की इजाजत नहीं दी जायेगी।” उन्होंने आरोप लगाया कि ब्लॉक प्रशासन के दबाव में पंचायतों में शासनादेश के उल्लंघन कर सामान की सप्लाई करायी गयी, जिनमें से कई उपकरण कुछ ही दिनों में खराब हो गए और उनकी कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।
शैलेंद्र पांडे ने बताया कि जब कुछ ग्राम प्रधानों ने अंदरूनी तौर पर विरोध किया तो उनपर जांच के दबाव बनाये गये और फिर आपूर्ति कर दी गयी। इसके परिणामस्वरूप ग्राम पंचायतों में व्यापक असंतोष व्याप्त है और कई प्रतिनिधि जीतने के बाद ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। मोर्चा का कहना है कि भ्रष्टाचार के इस बिगड़े स्वरूप को उजागर करने के लिए अब वह प्रत्यक्ष संवाद और अभियान चलायेगा।
आंदोलन के तहत मोर्चा साक्ष्य एकत्र कर कानूनी कार्रवाई के लिए तैयारियाँ कर रहा है। शैलेंद्र पांडे ने कहा, “हम आवश्यक न्यायिक कदम उठाने के लिए धन जुटाने हेतु भिक्षाटन का सहारा लेंगे ताकि आम लोगों की शिकायतों का मुकदमेबाजी के माध्यम से निपटारा किया जा सके।”
इस मामले से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि धरारा निवासी संजय पांडे ने 6 अप्रैल, 2025 को जन सूचना अधिकार (RTI) के तहत इन्हीं बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक जवाब नहीं आया। संजय पांडे द्वारा राज्य सूचना आयोग में भी अपील दायर की जा चुकी है, फिर भी सूचना अभी तक प्राप्त नहीं हुई है — यह भी युवा संघर्ष मोर्चा ने अपनी शिकायतों में शामिल किया है।
पंचायत चुनाव नज़दीक आने का हवाला देते हुए मोर्चा ने चेतावनी दी है कि ब्लॉक की महत्वपूर्ण सीटों पर कब्जा जमाने के प्रयास पहले से ही शुरू हो चुके हैं। युवा संघर्ष मोर्चा का स्पष्ट कहना है कि ऐसे लोग पहले अपने पिछले पाँच वर्षों का लेखा-जोखा देंगे, तभी चुनावी मैदान में उतरने दिया जाएगा; अन्यथा उन्हें चिन्हित कर चुनावी तौर पर बेनकाब किया जाएगा।
युवा संघर्ष मोर्चा की कार्रवाई से इलाके में राजनीतिक हलचल तेज हो सकती है। स्थानीय प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों की प्रतिक्रिया अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। मोर्चा ने कहा है कि वह शांतिपूर्ण और कानूनी तरीके से आंदोलन जारी रखेगा और आवश्यक साक्ष्य मीडिया व न्यायालय के समक्ष पेश करेगा।






