चन्दौली न्यूज। जनपद में पंचायत संस्थाओं में खुलेआम शासनादेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, पूर्व में उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा जारी शासनादेश में 21 मार्च व 26 अप्रैल 2022 को जारी शासनादेश के विपरीत चहनियां विकास खण्ड के बछौली ग्राम सभा के ग्राम प्रधान अजीत सिंह ने अपनी ही फर्म जय बजरंग कंस्ट्रक्शन को इंटरलॉकिंग ब्रिक्स का दो लाख उनतीस हजार दो सौ चौसठ रुपये का भुगतान खुद को ही कर लिया ।

शासनादेश में स्पष्ट उल्लेख था कि किसी भी पंचायत विभाग के जनप्रतिनिधि या कर्मी के रिश्तेदार की फर्म पीएफएमएस पर वेंडर के रूप में रजिस्टर्ड नही होगी परन्तु उक्त फर्म की पृष्ठभूमि की जांच किये बगैर उसके रजिस्ट्रेशन को जारी रखा गया और ग्राम प्रधान ने खुद को भुगतान करने के साथ ,कई अन्य गांवों में भी सामग्री आपूर्ति का भुगतान प्राप्त किया। इस बाबत जब उच्च न्यायालय लखनऊ के अधिवक्ता सौभाग्य मिश्रा ने आई जी आर एस पर शिकायत दर्ज कराई तो जांच में बछौली ग्राम प्रधान व तत्कालीन सचिव हवलदार यादव ग्राम विकास अधिकारी सम्प्रति सहायक विकास अधिकारी(I.S.B.)विकास खण्ड सकलडीहा वित्तीय अनियमितता के दोषी पाए गये।उक्त रिपोर्ट उपनिदेशक पंचायत को जिला पंचायत राज अधिकारी चन्दौली ने भेजी। जिस पर उनके द्वारा पंचायत राज अधिनियम की धारा 95 (1)(g)के तहत डीपीआरओ चन्दौली और जिलाधिकारी चन्दौली के समक्ष पत्रावली प्रस्तुत कर शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित करने की बात कही है।

जनपद चंदौली का यह पहला मामला है जिसमे ग्राम प्रधान को दोषी ठहराया गया है!वर्तमान में सकलडीहा विकास खण्ड में ऐसे कई मामले लम्बित पड़े हुए हैं जिसमे शासनादेश की धज्जियां उड़ाई गई है।जिसकी जांच के लिए सोशल एक्टिविस्ट द्वारा कई शिकायती पत्र भेजे गए है।