चकिया।एक तरफ केंद्र व राज्य सरकार लाखों करोड़ों रुपए खर्च करके अनेकों योजनाएं चला रहीं है। जिन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य है कि योजनाओं का लाभ उठाकर गरीब व पिछड़े तपके के लोग गरीबी से ऊपर उठकर अपना जीवन यापन करने में आत्मनिर्भर बन सके । लेकिन वही दूसरी तरफ विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के लापरवाही से गरीब दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हो रहे हैं । आपको बताते चले कि पूरा मामला चकिया तहसील के नसरथा गांव का है । जहां नसरथा गांव के निवासी पूल्लू राम कि पत्नी अपने परिवार का राशन कार्ड बनवाने के लिए अनेकों बार प्रधान,कोटेदार व सप्लाई ऑफिस के चक्कर काटती रही लेकिन उसके बाद भी राशन कार्ड न बन सका । जिसके बाद पीड़ित ने मीडिया के कर्मियों से अपनी समस्या कहीं । हसरथा निवासी पूल्लू राम ने बताया कि मेरी पत्नी को प्रधान,कोटेदार व सप्लाई ऑफिस का चक्कर काटते काटते लगभग 10 वर्ष से ऊपर हो गए और बार-बार यह कह कर उसे वापस कर दिया जाता है कि अभी यूनिट नहीं बढ़ रहा है यूनिट बढ़ने दो तो बना दिया जाएगा । लेकिन अभी तक मेरे परिवार का राशन कार्ड नहीं बना है । मैं और मेरा परिवार मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं । पीड़ित पूल्लू राम ने दूसरी बार सम्पूर्ण समाधान दिवस में अपना शिकायत पत्र दिया। पीड़ित ने उप जिलाधिकारी को शिकायत पत्र देते हुए अपनी सारी समस्याओं को बताया जिसके बाद उप जिलाधिकारी पीड़ित की समस्या को समझते हुए उसके समस्या का जल्द ही समाधान होने की बात कही । ग्रामीण के द्वारा सम्पूर्ण समाधान दिवस में उप जिलाधिकारी को दिए गए शिकायत पत्र में रोचक बात यह लिखी गयी थी कि दोबारा और आखिरी पत्र । शिकायत पत्र में लिखे इन शब्दों से यह अंदाजा लगाया जा सकता है की सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं प्रत्येक व्यक्ति को नहीं मिल पा रही है। और जिसे मिल भी रहा है उसे अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ।किशन श्रीवास्तव