फोटो-कपिल देव मिश्र
चहनिया। साधु संतों से श्रीमद भागवत सुनने के लिए जगह जगह चतुर्मासा यज्ञ करना पड़ता है । यानी लोग चार माह तक कथा सुने तो यह पूर्ण होता है । किन्तु मारूफपुर के कपिलदेव मिश्र ने उक्त महापुराण को 18 दोहों में ही संकलित कर दिया। मानसिक पंचोपचार पुजन कर सफेद कमल को मानसिक भावना समर्पित कर सारी समस्यायों का हल पा सकने हेतु श्रीमद भागवत कथा को सिमटा दिया है । जिसमे सभी गुणों का सार है । मारूफपुर के निवासी पंडित कपिलदेव मिश्र पुष्पित ने श्रीमद्भागवत महापुराण के 18 अध्यायों को 18 दोहों में संकलित किया है। अमूमन देखा जाय तो श्रीमद भागवत कथा सुनने के लिए लोगो को साधु संतों से चतुर्मासा यज्ञ कराया जाता है । जो लोग चार माह तक कथा का श्रवण करते है । उनके लिए मारूफपुर के रहने वाले प0 कपिलदेव मिश्र पुष्पित ने इसे 18 दोहो में उक्त महापुराण के पूरे सार को बता दिया है । उन्होंने इस बाबत बताया कि अठ्ठारह पुराणों में श्रेष्ठ श्रीमद्भागवत महापुराण का अध्यन आम आदमी के लिए संभव नहीं है। इसलिए इस महापुराण के अठ्ठारह अध्यायों को हिंदी के अठ्ठारह दोहों में संकलित किया हूँ। ताकि आम जन मानस इन अठ्ठारह दोहों का पाठ नित प्रतिदिन करके श्रीमद्भागवत महापुराण के महिमा और उसमें छिपे तथ्यों के सार को समझ सके। साथ ही उक्त पुराण के अध्ययन से मिलने वाले पुण्य को भी प्राप्त कर सके। इस दौरान उन्होंने स्वरचित उन अठ्ठारह दोहों का वाचन भी सबके सम्मुख किया।
अगर वे 18 दोहे भी यहां आप उद्धृत कर देते तो आप के इस समाचार की सार्थकता बढ़ जाती वर्ना आप के इस समाचार से आम आदमी को क्या फायदा ?
Thanks 🙏