कमीशनखोर व्यवस्था ने महिला को पृथक बताकर मायके में दिलाया आवास, पत्नी वियोग से व्याकुल पति काट रहा तहसील का चक्कर
Chandauli news सकलडीहा।केंद्र की मोदी सरकार तथा प्रदेश की योगी सरकार लगातार गरीबों, दिव्यांगों और वंचितों के सर पर पक्की छत रखने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान बनवाने का कार्य कर रही है।
सकलडीहा तहसील में न्याय के में चक्कर लगाता अखिलेश शर्मा

लेकिन कुछ ऐसे मामले भी संज्ञान में आ रहे हैं जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में भी कमीशनखोरों का बोलबाला है। दरअसल मामला सकलडीहा विकास खंड के धरहरा गांव का है जहां एक आवास दिव्यांग कोटे से महिला को दिया गया तथा अभिलेख में उक्त लाभार्थी को पृथक बताया गया है।
मामला उस समय संदेहास्पद हो गया जब लाभार्थी का पति उपजिलाधिकारी सकलडीहा को प्रार्थना पत्र देकर कहता है कि उसकी पत्नी कभी अलग नहीं हुई है।इस आवास का फर्जी लाभ लेने के लिए उसके ससुराल वालों ने उसकी पत्नी की विदाई कराई लेकिन अब उसकी विदाई नहीं कर रहे हैं और आवास की तीसरी किस्स के भुगतान तक उसकी विदाई रोक दी है।
महिला के पति अखिलेश का कहना है कि उसकी पत्नी को मायके में दिया गया आवास नाजायज और भ्रष्टाचार का उदाहरण है।ब्लाक अधिकारी कमीशन खोरी के चक्कर में बिना जांच के आवास दिए है और आवास के तीसरे किस्त नही मिलने तक मेरी पत्नी को लोग आने भी नही दे रहे है मुझे आवास की नही मेरी पत्नी की जरूरत है। अखिलेश के प्रार्थना पत्र पर एसडीएम सकलडीहा ने बीडीओ को मामले में गंभीरता से निष्पक्ष जांच तथा कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।