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पुलिस की मूलभूत समस्याओं के लिए पुलिस कल्याण मोर्चा का करेंगे गठन- वरिष्ठ छात्रनेता शैलेंद्र कवि

पुलिस के 5000 जवानों को जोड़ने का लक्ष्य

चंदौली।जब जवान अपने तन पर वर्दी पहनता है उस देश और प्रदेश की रक्षा कानून की रक्षा की शपथ हमेशा ख्याल में रहती है और उस शपथ की रक्षा के लिए अपने प्राणों को भी निछावर करना चाहता है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि जैसे ही उस व्यवस्था में इस देश का नौजवान वर्दी पहनकर पहुंचता है अंदर की व्यवस्था तथा ऊपर से नीचे तक बनी व्यवस्था के अंदर उसका दम घुटने लगता है बस स्वतंत्र हो करके अपनी बात कहने की स्थिति में भी नहीं रहता है  
पुलिस कल्याण के लिए मूलभूत सुधार की आवश्यकता है   लेकिन उस मूलभूत आवश्यकता है कि सुधार के लिए कोई मंच कोई बैनर ना होने की वजह से वास्तविक समस्याएं भी ऊपर तक नहीं पहुंच पाती है और इतने बड़े प्रदेश में जनता तक सुरक्षा मुहैया कराना इतनी कम संख्या में सिपाहियों का चयन बहुत टेढ़ी खीर साबित होता है आज समाज में अपराध कई तरीके से बढ़ रहे हैं लेकिन जिस आधुनिकता  के साथ अपराध बढ़ रहा है उस आधुनिकता के साथ पुलिस की व्यवस्था पीछे चल रही है पुलिस के वैवाहिक जीवन में शादी की सालगिरह  व जन्म  दिन की छुट्टी समय से न मिल पाना ।वार्षिक छूटी का नकदीकरण मेडिकल क्लेम ड्यूटी के दौरान कोई बड़े हादसे का शिकार हो जाना की समस्या है जिसका  वह शिकार हो रहा है पुलिस चौकियों पर   फालोअर का नियुक्ति ना होना अभी तक साइकिल भत्ते से ही काम चलाना खर्च का वहन ना हो पाना आदि अनेकों समस्याओं से घिरा  पुलिस विभाग पूरी तरह से अपने आप को कभी-कभी नर्वस महसूस करने लगता है।हालांकि अभी तक पुलिस को राज्य कर्मी का दर्जा भी प्राप्त नहीं हो पाया है यहां तक की पुलिस का अपना कोई संगठन भी नहीं है जिससे वह अपनी बात को रख सके और अपनी समस्याओं को अपने संगठन के माध्यम से शासन तक पहुंच सके।शासन तक बात को पहुंचाने के लिए हरिश्चंद्र महाविद्यालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष रहे समाजसेवी गरीबों के हितों के लिए जाने जाने वाले व शोषण और वंचित लोगों की कानूनी मदद करने में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाने वाले युवा संघर्ष मोर्चा के संस्थापक एवं संयोजक शैलेंद्र पांडेय कवि ने अपने मोर्चा के तौर पर पुलिस कल्याण मोर्चा का गठन करने का भी फैसला किया है । युवा संघर्ष मोर्चा के शैलेंद्र पांडे एडवोकेट का मानना है कि जब तक पुलिस को मूलभूत आवश्यकता और उनकी समस्याओं का समाधान ठीक से नहीं हो पाएगा तब तक समाज में सुधार होना कठिन दिख रहा है क्योंकि समाज के किसी भी वर्ग की समस्या के लिए सबसे पहले पुलिस को ही याद किया जाता है और पुलिस के ऊपर जितनी जिम्मेदारी है उसे दर से उनको सैलरी का भुगतान  नहीं होता है और वह 24 घंटे की सेवा देता है तथा उनकी मूलभूत आवश्यकता और समस्याओं पर कार्य न हो पाने की वजह से पुलिस सुधार समिति की रिपोर्ट अभी तक लागू न होना तथा उनके परिवार का अपने बच्चों से दूर रहकर के जीवन भर नौकरी करना कहीं ना कहीं उनके भविष्य के संकट को बढ़ाने का कार्य करता है।ऐसी स्थिति में उनकी नौकरी को और सरल तथा सुविधाजनक बनाने के लिए समाज को भी आगे आना होगा समाज जब पुलिस से सुरक्षा की उम्मीद करता है तो पुलिस की मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी समाज को खड़ा होना होगा क्योंकि यह तो तय है कि पुलिस निरीक्षक लेवल के नीचे तक का संगठन निर्माण नहीं कर सकती है तो क्या समाज का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति उनकी समस्याओं के लिए एक संगठन का निर्माण करके उनकी बातों को शासन तक पहुंच सके इसके लिए इस प्रकल्प की आवश्यकता है इसलिए नौजवानों ने यह तय किया है कि पुलिस कल्याण मोर्चा का गठन करके वास्तविक सुधार जो पुलिस के अंदर किया जा सकता है और उनकी समस्याओं को शासन तक अवगत कराने के लिए एक मंच बनाने की पहल चंदौली का युवा कर रहा है!

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