चंदौली । एक तरफ सूबे के मुखिया प्रदेश से भ्रष्टाचार पूरी तरह से समाप्त करने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करने की हिदायत अधिकारियों को दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जनपद के कुछ अधिकारियों के रहमों करम पर भ्रष्टाचार तेजी से फल-फूल रहा है। विदित हो कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी जनपद में भ्रष्टाचार के ग्राफ में निरंतर वृद्धि हो रही है। ज्ञात हो कि सैयदराजा थाने में तैनात एक हेड कांस्टेबल पर तत्कालीन एसपी संतोष कुमार सिंह ने उसकी चरित्र पंजिका में उल्लेख किया है कि उसे हाईवे के किसी भी थाने पर तैनाती न दी जाए। लेकिन वर्तमान में वह सैयदराजा में तैनाती पाकर मलाई काट रहा है। जबकि पूर्व में जांच में उस पर अवैध वसूली का आरोप भी साबित हो चुका है। जांच में मामला सही पाए जाने पर उच्चाधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए उसे यातायात से तत्काल हटा दिया था। लेकिन पुनः सफेदपोश नेताओं और उच्चाधिकारियों के संरक्षण में हेड कांस्टेबल सैयदराजा थाने पर तैनात होकर अपनी अवैध वसूली को बखूबी अंजाम दे रहा है। सूत्र बताते हैं कि दलालों की सेटिंग उसकी इतनी मजबूत है कि वह स्वयं अवैध वसूली का पैसा न लेकर थाने के समीप स्थित एक प्राइवेट बैंक के खाते में पैसा जमा कराता है। ताकि उसकी सच्चाई छिपी रहे। उक्त हेड कांस्टेबल के द्वारा फर्जी आधार कार्ड के माध्यम से किसान रूपी पशु तस्करों को बरामद पशुओं को सौंपे जाने का मामला प्रकाश में आ चुका है। विदित हो कि उक्त हेड कांस्टेबल पूरे दिन थाना परिसर में आराम करता है। रात्रि होते ही पूरी तैयारी के साथ यूपी बिहार से नौबतपुर में अवैध वसूली के गोरखधंधे में लिप्त हो जाता है। इस अवैध वसूली में नौबतपुर के तीन चार दलाल व चंदौली के भाजपा नेता के पुत्र शामिल हैं। देखना है कि पुलिस अधीक्षक अवैध वसूली में लिप्त हेड कांस्टेबल पर क्या कार्रवाई करते हैं।