Chandauli news: चंदौली के चहनिया विकास खंड के जूड़ा हरधन ग्राम सभा में ग्राम प्रधान और तत्कालीन सचिव द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से, निजी लाभ देने के लिए, एक व्यक्ति के घर के पास बाउंड्री के भीतर नया हैंडपंप स्थापित कर दिया गया और उस हैंडपंप पर रिबोर के नाम पर भुगतान कर लिया गया ,74000 का भुगतान उक्त हैंडपंप पर किया गया, जबकि जल निगम के नियमों के अनुसार जूड़ा हरधन ग्राम सभा डीप बोर की श्रेणी में ही नहीं आती और पंचायत राज विभाग से नया हैंडपंप अधिष्ठापित करने का भी नियम नहीं है।

इस बाबत जब सामाजिक कार्यकर्ता दीपेश सिंह के द्वारा शिकायत की गई तो बार-बार तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी पंचायत के द्वारा गलत रिपोर्ट प्रेषित कर शिकायतों का निस्तारण कर दिया जाता था।लेकिन बार-बार की शिकायत के बाद सहायक विकास अधिकारी पंचायत ने यह स्वीकार किया कि उक्त हैंडपंप पर हुआ भुगतान गलत है और इसकी रिपोर्ट जिला पंचायत राज अधिकारी चंदौली को प्रेषित की जिला पंचायत राज अधिकारी चंदौली द्वारा ग्राम प्रधान और तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव जूड़ा हरधन ग्राम सभा को नोटिस भेज कर 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया और पुनः मामले का निस्तारण कर दिया गया फिर कोई कार्यवाही न होने पर जब सोशल एक्टिविस्ट दीपेश सिंह के द्वारा इसकी शिकायत एकबार फिर आईजीआरएस पर की गई तब जिला पंचायत राज अधिकारी चंदौली द्वारा एक बार फिर से उपनिदेशक पंचायत वाराणसी मंडल को भेजी गई रिपोर्ट में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया की 3 महीना बीतने के बाद भी कोई स्पष्टीकरण ग्राम प्रधान और तत्कालीन सचिव जूड़ा हरधन और अब सहायक विकास अधिकारी(I.S.B.) विकासखंड नियमताबाद द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया।
और पुनः एक बार इनको अवसर देते हुए नोटिस जारी कर दी गई। लेकिन आज तक उक्त मामले में डीपीआरओ महोदय द्वारा क्या कार्यवाही की गई इसका पता नहीं चल पाया यदि सरकारी धन गलत तरीके से भुगतान किया गया था तो इसके लिए ग्राम प्रधान और तत्कालीन सचिव को दोषी ठहराते वक्त धनराशि की वसूली और पंचायत राज अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्यवाही की अपेक्षा की जाती है। परंतु जिला पंचायत राज अधिकारी चंदौली द्वारा बार-बार अवसर देकर इस भ्रष्टाचार को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता दीपेश सिंह कहते हैं की डीपीआरओ चंदौली न जाने किस मोह में फंसे हुए हैं वह अपने विभाग के प्रति वफादार नहीं है बल्कि भ्रष्टाचार करने वालों के प्रति वफादार दिखाई दे रहे हैं।परंतु इस लड़ाई में जब तक उक्त धनराशि की वसूली कर दोषियों को दंडित नहीं किया जाता तब तक शिकायत दर्ज होती रहेगी