Home चकिया एनपीएस के विरोध में शिक्षकों ने बांधी काली पट्टी

एनपीएस के विरोध में शिक्षकों ने बांधी काली पट्टी

चन्दौली।उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ जनपद चंदौली के आह्वाहन पर जनपद के शिक्षकों ने पांच सितंबर (शिक्षक दिवस) के अवसर पर सर्वप्रथम भारत के महान शिक्षाविद् , प्रथम उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिवस को विद्यालय में हर्ष और उल्लास के साथ मनाने के साथ ही साथ एनपीएस के विरोध ,पुरानी पेंशन के समर्थन में,।शासन के अव्यवहारिक आदेशों के विरोध में,अवकाश में विद्यालय खुलवाने के विरोध और प्रतिकर अवकाश बहाली हेतु।शिक्षकों ने काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज कराया।इस अभूतपूर्व कार्यक्रम के सफलता पूर्वक संपन्न होने पर आदरणीय जिलाध्यक्ष श्री आनंद कुमार पाण्डेय ने कहा कि शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित मांग पुरानी पेंशन की मांग मनवाने के लिए शिक्षकों ने शिक्षक दिवस के दिन अपने मान सम्मान और बुढ़ापे की लाठी के लिए सरकार और शासन को यह दिखा दिया कि यदि आप शिक्षक का सम्मान चाहते है तो उसे पुरानी पेंशन देकर सम्मान से जीने का अवसर दीजिए । देश को प्रकाश में आलोकित करने में अपने जीवन को खपा देनेवाले का बुढ़ापा अंधेरे और दूसरे के मोहताज होकर गुजरे यह कतई बर्दाश्त नहीं है । आज शिक्षक दिवस के दिन पूरे जनपद के विद्यालयों में NPS GO BACK के नारों से गूंज उठा है ।यदि शासन यूं ही कुंभकर्णीय निद्रा में सोती रही तो उसे जगाने के लिए जल्द ही असहयोग आन्दोलन शुरू किया जाएगा ,और इसकी समस्त जिम्मेदारी बहरी सरकार की होगी ।
जिलामहा मंत्री श्री सुनील कुमार सिंह ने कहा कि आए दिन शासन स्तर से अनेकों अव्यवहारिक आदेश देकर शिक्षकों को प्रताड़ित किया जा रहा है । कभी शाम को छह बजे विद्यालय खोलने का तुगलकी फरमान जारी होता है तो कभी कुछ । कोई अनहोनी होने पर महिला शिक्षिका बहनों के साथ ही साथ दूरदराज से आने वाले अध्यापक और बच्चों के सुरक्षा की जिम्मेदार कौन होगा ? अध्यापक का मूल कार्य अध्यापन है । वह इस बाह्य कार्य अधिकता से बच्चो को पूरा समय नही दे पा रहा है । अध्यापक आदेशों के बाढ में समझ नही पा रहा है कि कौन सा कार्य प्राथमिक स्तर पर करना है ।वही जिलाकोषाध्यक्ष शशि कांत गुप्त ने कहा कि पहले अवकाश के दिनों में विद्यालय बुलाने पर प्रतिकर अवकाश देय था अब उसे वापस ले लिया गया हैं और अध्यापक अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पा रहा है जिससे मानसिक तनाव से गुजर रहा है ।
कार्यक्रम के विषय में बताते हुए जिलामिडिया प्रभारी श्री बलराम पाठक ने कहा कि प्रांतीय नेतृत्व के निर्देश के क्रम में शिक्षक दिवस पर अपने मांगों के समर्थन में आज शिक्षकों ने विद्यालय में कार्य करते हुए अपने बांह पर काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज कराया है ।जिला संगठन मंत्री अजय सिंह ने कहा अब अति हो चुकी है बिना संसाधन दिए आए दिन एक अन्य ऐप डाउनलोड करने का हुकुम जारी कर दिया जाता है । ब्लॉक से लेकर महानिदेशक तक के अधिकारियों को सभी काम ऑनलाइन चाहिए और तुर्रा ये कि तत्काल चाहिए । शिक्षकों का सम्मान से जीना तो छोड़िए सम्मान से नौकरी करना भी मुश्किल कर दिया गया है। अभी ये चेतावनी है कि शिक्षक सम्मान से खिलवाड़ बंद हो जाए अन्यथा संगठन सड़क पर उतरने को बाध्य हों जाएगी ।
मंडल सह संयोजक संजय सिंह शक्ति और मंडल सदस्य नंदकुमार शर्मा ने शिक्षकों द्वारा इस कार्यक्रम को सफल बनाने पर कहा कि यह किसी व्यक्ति विशेष की लड़ाई नही है यह लड़ाई पूरे शिक्षक समुदाय की है यदि मेरा शिक्षक भाई बुढ़ापे में किसी सड़क किनारे मिलेगा तो सबसे ज्यादा कष्ट मुझे होगा । इसलिए यह लड़ाई अनिवार्य है और इसे हर स्तर पर लड़ा जाएगा ।कार्यक्रम के विषय में अनिल कुमार शर्मा , अजीत सिंह,राजकुमार जायसवाल,मंगलदेव शर्मा, लक्ष्मीकांत त्रिपाठी, जितेंद्र सिंह, संतोष त्रिपाठी,अच्युतानंद त्रिपाठी,मनोज सिंह, इरफान अली मंसूरी, सरोज उपाध्याय, धनंजय सिंह, वीरेंद्र वर्मा,प्रशांत गुप्ता, शैलेश कुमार गुप्ता, धीरेंद्र कुमार, विनोद त्रिपाठी, जितेंद्र तिवारी, दिवाकर सिंह, इमरान अली, मनीष यादव, अरविंद कुमार , संजय कुमार, मुसाफिर सिंह, कपीलदेव यादव,इत्यादि लोगों ने भी विचार व्यक्त किया।

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