Home चंदौली अधूरा पड़ा मिनी सचिवालय, कैसे बहेगी गांव में बिकास की गंगा?

अधूरा पड़ा मिनी सचिवालय, कैसे बहेगी गांव में बिकास की गंगा?

चहनियां। बिकास खण्ड चहनियां के उत्तरी छोर पर स्थित हुसेपुर ग्राम पंचायत में निर्माणाधीन मिनी सचिवालय चार साल से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी बनकर तैयार नही हुआ। जबकि शासन स्तर पर मिनी सचिवालय का निर्माण प्राथमिकता पर कहा जा रहा है। जब बिकास कार्य का खाका खींचने वाला मिनी सचिवालय ही अधुरा पड़ा है तो गांव में बिकास कार्य कैसे संचालित होगा और पंडित दीन दयाल उपाध्याय के ग्रामोदय का सपना कैसे पूर्ण होगा।
ग्राम पंचायत स्तर पर हर गांव में पंचायत भवन मिनी सचिवालय के रूप में निर्मित करने को शासन ने प्राथमिकता के आधार पर तय किया था। जिसके बाद हर गांव में मिनी सचिवालय का निर्माण शुरू हो गया। लेकिन चार वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी चहनियां ब्लाक के दर्जन भर गांवों में निर्माणाधीन मिनी सचिवालय बनकर तैयार नही हो पाये। ऐसे में ग्राम पंचायत स्तर पर होने वाले बिकास कार्यों का खाका खींचने वाली बैठके कहां होगी। पंचायत सहायक किस कार्यालय में बैठकर कार्य संचालित करेंगे। यह यक्ष प्रश्न बन गया है। ग्राम पंचायत हुसेपुर में बीते चार साल पहले मिनी सचिवालय का निर्माण तत्कालीन ग्राम प्रधान बिन्दू देवी के द्वारा शुरू कराया गया। वर्तमान प्रधान इन्दू यादव का कार्यकाल भी दो वर्ष से अधिक बीत गया फिर भी निर्माण कार्य अधूरा ही रह गया है। अधूरा बाउण्ड्री वाल, दरवाजा खिड़की विहिन दिवाल, शौचालय निर्माण शुरू ही न होना, फर्श निर्माण भी शुरू नही हुआ है। जिससे उक्त मिनी सचिवालय शराबियों, गजेड़ियों का अड्डा बन गया है। यही नही कुछ अराजक तत्व इसे शौच घर भी बना लिये है। इस सम्बन्ध में ग्राम पंचायत अधिकारी ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि करीब 26 लाख रूपये की लागत से बनने वाले मिनी सचिवालय के निर्माण में 19 लाख रुपए खर्च हो चुके है। मनरेगा निधि से निर्माण होना है, जिसमें धनाभाव के कारण निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षित कराते हुए मिनी सचिवालय निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा कराने का निवेदन किया है।

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