Home चंदौली सत्कर्मों से ही भगवान का सानिध्य पाना है संभव–श्रवण दास जी महाराज

सत्कर्मों से ही भगवान का सानिध्य पाना है संभव–श्रवण दास जी महाराज

व्यास जी कथा सुनाते हुए

चंदौली जनपद के सकलडीहा क्षेत्र के टेनुअट गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन गोकर्ण व धुंधकारी के मुक्ति की कथा का सुखद वर्णन,कथा वाचक भागवत भूषण डॉक्टर श्रवन दास जी द्वारा किया गया। उन्होंने कर्मों के बारे में बताते हुए कहा कि व्यक्ति के अच्छे कर्म उसे अच्छे कार्य को प्रेरित करते हैं। उसी के द्वारा भगवान का सानिध्य मिलना संभव है। उन्हीं कर्मों का फल लोग पाते हैं, यही नहीं इस जन्म के साथ-साथ मरने के बाद भी कुकर्मों का भोग भोगना पड़ता है। प्रेत योनि में भी यातनाएं सहनी पड़ती है। जो भी लोग निरामिस प्रवृत्ति के होते हैं वह जीते जीते भी लोगों को कष्ट देते हैं और मरने के बाद भी उनको कष्ट भोगना पड़ता है। इसलिए गोकर्ण की भांति सद्कर्म करना चाहिए। कुकर्मो को सपनों में भी नहीं सोचना चाहिए। वही आत्मदेव की कथा भी प्रथम दिन की गई।
संगीतमय कथा से श्रोता आत्मविभोर हो गए और खूब कथा का आनंद लिया।
कथा व्यास जी के साथ संगत करने में हारमोनियम पर कमलेश चौबे ,आर्गन पर अजीत सिंह, तबला पर मनोज कुमार मिश्रा तथा पैड पर अजय दुबे सामिल रहे।कलाकारों ने माहौल पूरी तरह से भक्ति कर दिया,लोग झूमने को मजबूर हो गए।श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह यज्ञ का आयोजन टेनुअट गांव में 1 फरवरी से 7 फरवरी तक संत सुनील मिश्रा के यहां किया जा रहा है। संत सुनील मिश्रा मुख्य यजमान है।भगवान लड्डू गोपाल कान्हा जी के पदार्पण के अवसर पर दूसरी वर्ष भी श्रीमद् भागवत के संगीतमय कथा का आयोजन किया गया है। इस कथा समापन 8 फरवरी को भंडारे के साथ होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here