Home चंदौली फालोअप!प्रसव केंद्रों पर नही होते प्रसव कागजी खानापूर्ति पूर्ण

फालोअप!प्रसव केंद्रों पर नही होते प्रसव कागजी खानापूर्ति पूर्ण

Chandauli News

Chandauli News: विकास खंड चहनिया अन्तर्गत स्थित कई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर महीनों से बंद पड़ा है।कोई सुधि लेने वाला नही है। वही ब्लाक चहनिहा के सरकारी स्वास्थ सेवाओं का दिन पर दिन स्थिति दैनिय होती नजर आराही है। केंद्र और राज्य की सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर व्यवस्था देने की पुरजोर कोशिश नाकाम होती दिख रही है।सरकार प्रत्येक व्यक्ति को स्वास्थ्य योजनाओं से जोड़ कर सुरक्षा की गारंटी देने के लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को संचालित कर रही। इसी के तहत जनपद में ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने एवं के लिए स्वास्थ उपकेंद्र/प्रसव केंद्र बनाए गए हैं ।लेकिन आधे से अधिक उपकेंद्रों की हालत दैनिय बनी है न कभी समय से खुलते है ना ही कोई प्रसव कराया जाता है।लेकिन कागजी खानापूर्ति कर दी जाती है।

सूत्रों की माने तो कई स्वास्थ उपकेंद्रों पर महीने में एक भी प्रसव नही होते है जबकि कागज में महीने के चार पांच प्रसव दिखा दिए जाते है।बदले में मोटी रकम स्वास्थ प्रभारी को दे दी जाती है।सबसे बड़ा सवाल यहां उठता है की उपकेंद्रों के प्रसव को निजी अस्पतालों में भी कमीशन के बदले भेज दिए जाते है। अब प्रश्न यह उठना स्वाभाविक है कि क्या स्वास्थ उपकेंद्र पर कागजी प्रसव दिखाने के लिए पैसे लिए जाते है अथवा ए एन एम को चिकित्सा प्रभारी का पराश्रय मिला हुआ है।इतना ही नहीं ग्राम स्तर पर स्वास्थ सेवाओं के लिए बने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर भी अनियमितता बनी हुई है। सूत्रों की माने तो चहनिया ब्लाक अंर्तगत सैफपुर गांव के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की सीएचओ केवल महीने में एक या दो बार ही आती है।लेकिन इनका अटेंडेंस कागजों में बराबर बना रहता है।वैसे ही डेवड़ा में कभी भी सीएचओ बारह बजे से पहले नही आती है।आखिर सरकार स्वास्थ सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कितना प्रयास करे जिसे मरीजों और ग्रामीणों को स्वास्थ सुविधा मिल सके।सूत्रों की माने तो चार पांच हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को छोड़ कर जिसमे कैलावर,बलुआ,घनश्यामपुर, अजगरा जैसे कुछ सेंटरों को छोड़ कर बाकी सबकी स्थिति खराब बनी हुई है।कही पर ताला लटका है तो कही पर खुलने बंद होने का कोई समय नहीं है कही पर बिना सेंटर पर गए ही हाजिरी लग जा रही है।क्षेत्र में हेल्थ एंड वेलनेस सुविधा से वंचित और परेशान लोगो की माने तो अधिकारियों की संलिप्तता के कारण कोई सुध लेने वाला नही है।

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