विकासखंड चहनिया अंतर्गत तमाम गांव में मनरेगा के कार्य में बेखौफ भ्रष्टाचार करने के आरोप लग रहे हैं। सरकारी दावों को फेल करते हुए क्षेत्र पंचायत द्वारा मनरेगा अंतर्गत कराए जा रहे तमाम कामों में व्यापक भ्रष्टाचार देखा जा सकता है। कहीं काम हुआ ही नहीं है और भुगतान हो गया, कहीं पर भुगतान होने के बाद काम शुरू है, कहीं आधा अधूरा काम करा कर भुगतान करा लिया गया और कहीं तो ऐसा है कि एक ही काम को पहले ग्राम पंचायत ने कराया और दो साल के अंदर ही उसी काम पर क्षेत्र पंचायत द्वारा भी काम दिखाकर पैसा निकाला जा रहा है। ऐसे ही भ्रष्टाचार के कारण सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना जिससे गरीबों और जरूरतमंद मजदूरों को आजीविका की गारंटी मिलती है पर पलीता लगाने का काम सरकारी तंत्र कर रहा है। ग्राम सभा लक्ष्मणगढ़ में सोनहुला मुख्य मार्ग से वंशनारायण के चक से शशिकांत यादव के चक तक चकरोड पर मिट्टी कार्य का भुगतान क्षेत्र पंचायत द्वारा कराया गया लेकिन बताते चले कि यही कार्य ग्राम पंचायत द्वारा भी दो साल के अंदर ही कराया जा चुका है। भ्रष्टाचार का यह नमूना देखने लायक है। अब देखना ये है की खबर चलने के बाद भ्रष्टाचार करने वालो के उपर क्या कार्यवाही की जाती है।