Chandauli News: थाना चकरघट्टा जनपद चंदौली के मु.अ.सं. 34 सन 2016 अं. धारा 302 /34 भा. द. सं. के अंतर्गत अभियुक्त गण शिवदयाल उर्फ पखण्डू एवं मुन्ना के विरुद्ध आरोपपत्र प्रेषित किया गया जिसका विचारण माननीय सत्र न्यायालय में किया गया।
संक्षिप्ततः प्रकरण यह था कि दिनांक 28-6-2016 को वादी मंगरु शर्मा निवासी सुखदेवपुर द्वारा पुरानी रंजिश को लेकर अपने भाई दयाराम शर्मा एवं व उसकी पत्नी शांति देवी की हत्या किए जाने की लालमन हरिजन के विरुद्ध नामजद तहरीर दी गयी। तत्कालीन विवेचक बालमीत सिंह द्वारा गुणवत्ता पूर्ण प्रभावी विवेचना में यह पाया गया कि शिवदयाल उर्फ पखण्डू तथा मुन्ना ने ओझाई की पुरानी रंजिश को लेकर मृतकों की हत्या कारित की है। अभियुक्त गणों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर इनके विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया।अभियोजन की तरफ से कुल 17 गवाह परीक्षित कराए गए। तथा अभियोजन ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों पर माननीय न्यायालय का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि अभियुक्त गण ने झाड़-फूंक , भूत-प्रेत ओझागिरी के विवाद के कारण प्रतिशोधात्मक रुख अपनाते हुए एक राय होकर दयाराम शर्मा एवं शांति देवी की कुल्हाड़ी से गला काटकर हत्या कारित कर दी। अभियुक्त गणों की गिरफ्तारी एवं उनकी निशानदेही पर आलाकत्ल दो कुल्हाड़ियों एवं रक्त के छीटें पड़े कपड़ों की बरामदगी से भी हत्या किया जाना साबित हुआ था।
उभय पक्षों की बहस सुनने के बाद सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार चतुर्थ ने अभियुक्त गणों को मामले में दोषसिद्ध करार दिया तथा न्यायालय में उपस्थित अभियुक्त शिवदयाल उर्फ पखण्डू को आजीवन कारावास एवं 25000 रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई अर्थदण्ड अदा न कर सकने पर एक वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतना होगा। अर्थदंड की धनराशि मृतक दयाराम की पहली पत्नी छंगुरी देवी को अदा की जाएगी उनके न रहने की दशा में यह धनराशि उनके बच्चों को देय होगी। वहीं दूसरे अभियुक्त मुन्ना जो सजा के डर से फरार हो गया है कि विरुद्ध माननीय सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार चतुर्थ ने दिनांक 16- 3- 2024 को ही गैर जमानती वारंट जारी करते हुए सम्बन्धित थानाध्यक्ष को सख्त रूप से आदेशित करते हुए अभियुक्त मुन्ना को अविलम्ब गिरफ्तार कर दिनांक 19-3-2024 को न्यायालय में पेश करने के लिए कहा।
परन्तु पुलिस अभी तक गिरफ्तारी में नाकामयाब रही है।अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक शशि शंकर सिंह एवं राजेन्द्र कुमार पाण्डेय ने प्रभावी पक्ष रखा।