chandauli News: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाईके राय ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट का वितरण किया जा रहा है इसके साथ ही मरीजों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों की सफाई रखने के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है। इस क्रम में मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) चकिया के आयुष्मान आरोग्य मंदिर भीषमपुर में फाइलेरिया (हाथी पांव) से ग्रसित 15 रोगियों को रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांग्ता रोकथाम (एमएमडीपी) किट और आवश्यक दवा प्रदान की गई। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सीफार संस्था के सहयोग से आयोजित किया गया।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ पीके शुक्ला ने बताया कि जनपद में करीब तीन सौ ऐसे फाइलेरिया रोगी चिन्हित किए गए हैं। जिनके हाथ-पैर में सूजन आ गई है या फिर उनके फाइलेरिया ग्रसित अंगों से पानी का रिसाव होता है। इस स्थिति में प्रभावित अंगों की सफाई रखना बेहद जरूरी होती है। ऐसे मरीजों को किट दी जा रही है।
सीएचओ चंचल चौधरी ने सभी रोगियों को एमएमडीपी किट के बारे में प्रशिक्षित किया। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया ग्रस्त अंगों मुख्यतः पैर की साफ-सफाई रखने से संक्रमण का डर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी रहती है। इसके प्रति लापरवाही बरतने पर अंग खराब होने लगते हैं। इससे समस्या बढ़ जाती है। संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए दवा भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जिनके हाथ-पैर में सूजन आ गई है या फिर उनके फाइलेरिया ग्रस्त अंगों से पानी का रिसाव होता है। इस स्थिति में उनके प्रभावित अंगों की साफ-सफाई बेहद आवश्यक है। इसलिए एमएमडीपी किट प्रदान की जा रही है। इस किट में एक-एक टब, मग, बाल्टी तौलिया, साबुन, एंटी फंगल क्रीम आदि शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने सभी आशा कार्यकर्ताओं और संगिनी को फाइलेरिया (हाथ-पैरों में सूजन और अंडकोषों में सूजन) के कारण, लक्षण, पहचान, जांच, उपचार व बचाव आदि के बारे में विस्तार से बताया। फाइलेरिया की सभी ग्रेडिंग (हाथ-पैरों में सूजन व घाव की स्थिति) के बारे में जानकारी दी। एमएमडीपी किट को हाथीपांव ग्रसित रोगियों के उपयोग के बारे में बताया।
ग्राम भीषमपुर में बनने जा रहे पेशेंट प्लेटफॉर्म की सदस्य गुलाबी देवी (48) ने बताया कि वह लगभग 15 वर्ष से हाथीपांव बीमारी से ग्रसित हैं। उन्होंने कई वर्षों तक इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब प्लेटफॉर्म के साथ जुड़कर डॉक्टर से इसकी देखभाल के लिये सम्पूर्ण जानकारी मिली, जिससे वह अपने सूजे हुये पैरों की नियमित देखभाल कर रही हैं। अन्य सदस्य 62 वर्षीय छिन्नू ने बताया कि वह करीब 22 साल से फाइलेरिया हाथीपांव से ग्रसित हैं। कई वर्षों तक उपचार कराया, दवा भी खाई लेकिन आराम नहीं मिला। प्लेटफॉर्म के साथ जुड़ने के बाद फाइलेरिया के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिली। अब वह किट के जरिये अपने सूजे हुये पैरों की साफ-सफाई और देखभाल करती हैं। साथ ही योगा व सामान्य व्यायाम भी कर रही हैं। इसके अलावा समुदाय में फाइलेरिया से बचाव के बारे में जागरूक भी कर रही हैं।
इस मौके पर ग्राम प्रधान अरविंद गुप्ता, कोटेदार कैलाश,नरेंद्र ,बीसीपीएम बृजेश सिंह चौहान, अशोक कौशल ब्लॉक समन्वयक यूनिसेफ, एएनएम अनुराधा , आशा कार्यकर्ता,आंगनवाड़ी उर्मिला देवी ,सावित्री ,सीफार के जिला प्रतिनिधि एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।