Home चंदौली हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर जाने वाले चकरोड पर दबंगों का कब्जा

हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर जाने वाले चकरोड पर दबंगों का कब्जा

सकलडीहा।जनपद में प्रतिदिन विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत अलग-अलग गांव में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, जिसमें सरकारी अमले के द्वारा ग्रामीण जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने तथा जागरूक करने के साथ ही साथ 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प दोहराया जा रहा है। लेकिन जब सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य क्षेत्र में ही तंत्र और दबंग का बोलबाला हो तो आम आदमी हताश और निराश होने के अलावा और क्या करेगा।
दरअसल मामला सकलडीहा विकासखंड अंतर्गत चांदपुर गांव में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का है। विडंबना यह है कि सेंटर पर जाने के लिए जो रास्ता सरकारी दस्तावेजों में दर्ज है उसे दबंगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। अब उसे हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का क्या लाभ जहां मरीज और स्वास्थ्य कर्मचारी खुद ही नहीं पहुंच पाते हो। बता दें कि चांदपुर स्थित हेल्थ सेंटर के लिए आराजी नंबर 584 में चकमार्ग दर्ज है लेकिन अगल-बगल के लोगों द्वारा चक मार्ग पर खेती की जाती है तथा मौके पर कोई भी चकमार्ग नहीं है। इसके संदर्भ में समाज सेवी जयशंकर सिंह ने जिलाधिकारी से लेकर उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी और मुख्यमंत्री पोर्टल आदि हर माध्यम से शिकायत दर्ज कराकर रास्ते के निर्माण की हर संभव कोशिश की लेकिन हर बार नतीजा शून्य निकला। इसके पीछे का कारण भी दिलचस्प है। दरअसल मई के महीने में समाजसेवी के प्रार्थना पत्र पर उप जिलाधिकारी सकलडीहा ने नायब तहसीलदार और लेखपाल की टीम भेज कर रास्ते की निशान देही कराई तथा छह जून को खंड विकास अधिकारी से रास्ते को मनरेगा के तहत बनवाने का लिखित आदेश दिया। लेकिन मामला तब फंस गया जब माननीय के करीबी तथा मीडिया प्रभारी के द्वारा एक व्हाट्सएप ग्रुप चलाया जाता है जिसमें यह लिख दिया गया कि उक्त रास्ते पर कोई काम न किया जाए क्योंकि वह रास्ता नहीं नाली है। विचारणीय यह है कि सरकारी दस्तावेज में दर्ज चकमार्ग तथा उप जिलाधिकारी के द्वारा पैमाइश करा कर आदेश दिए जाने के बाद भी केवल माननीय की मीडिया प्रभारी द्वारा एक व्हाट्सएप ग्रुप में लिख दिए जाने भर से नाली में बदल जाएगा। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि उस मैसेज के बाद से ही सरकारी अमले ने कुछ भी काम करने से कन्नी काट लीहै। कारण भी दिलचस्प है कि उक्त रास्ते को कब्जा करने वालों में माननीय के करीबी के रिश्तेदार भी हैं, अब उनको संरक्षण न दिया जाए तो क्या हो। आमजन परेशान हैं तो रहें तंत्र तो अपने रंग में ही चलेगा।

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