Home चंदौली बाढ़ में क्षतिग्रस्त गंगा मन्दिर के जीर्णोद्धार की श्रद्धालुओं ने किया मांग

बाढ़ में क्षतिग्रस्त गंगा मन्दिर के जीर्णोद्धार की श्रद्धालुओं ने किया मांग

चहनियां। आस्था का केंद्र बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर बना वर्षों पुराना गंगा, यमुना व सरस्वती मन्दिर का छत क्षतिग्रस्त हुए सात माह हो गया । छत का हिस्सा बाढ के दौरान बगल में गिर गया है । आस्था का केन्द्र रहा यह मंदिर पर लोग स्नान कर तीनों देवियों का दर्शन पूजन करते है । श्रद्धालुओं ने मन्दिर के छत के निर्माण की मांग की है। बलुआ की रहने वाली द्विजा देवी स्व0 मूरत साहू ने मां गंगा से मन्नत मांगी थी । मन्नत पूरा होने पर 5 मई 1987 को पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर गंगा, यमुना, सरस्वती देवी के मन्दिर का निर्माण कराया । यह मंदिर बालू के मिट्टी में बना है । लोग स्नान दान करने के बाद मन्दिर में तीनों देवियों का पूजन अर्चन करते है । 2022 के बाढ़ में मन्दिर का छत क्षतिग्रस्त होकर पानी के बहाव से दूसरे स्थान पर बगल में चला गया । ग्रामीणों ने बताया कि छत रहने से छांव रहता है । लोग शादी ब्याह से आने के बाद यही मन्दिर में पूजन अर्चन करते है । कुछ लोग तो यही मन्दिर में शादी भी कराते है । किंतु मन्दिर का छत न होने से लोग मायूस हो जाते है । क्योंकि ऊपर से नीचे गंगा तट आने के लिए कई सीढ़ियों को होकर जाना पड़ता है । नीचे तट पर केवल मन्दिर का छत ही छांव का सहारा है । श्रद्धालुओं ने मन्दिर का छत बनवाने की मांग की है ।

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