कमालपुर रामलीला मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का तृतीय दिवस कथा व्यास श्री धाम वृंदावन से पधारे आचार्य मनोहर कृष्ण जी महाराज के द्वारा ध्रुव चरित्र का प्रसंग विस्तार रूप से श्रवण कराया गया आगे वंश का वर्णन करते हुए ध्रुव जी के ही वंश में महाराज पृथु हुए एक बार पृथ्वी में अकाल पड़ गया महाराजपुर तूने गांव दोहन करके संपूर्ण औषधियों को प्राप्त करके अश्वमेध यज्ञ की तैयारी की अश्वमेध यज्ञ प्रारंभ किया इंद्र के द्वारा घोड़ा चुरा लिया गया ब्राह्मणों ने इंद्र को हवन कुंड में स्वाहा करना चाहा लेकिन भगवान विष्णु प्रकट होकर के वरदान मांगने के लिए कहा महाराज पृथु ने भगवान से राज्य की प्राप्ति नहीं मांगी वैभव नहीं मांगा महाराज पृथू भगवान से प्रार्थना किया मेरे ने दो कानों में ही 10,000 कानों की श्रवण शक्ति आप मुझे प्रदान करें आगे चलते हुए प्रियव्रत के वंश का वर्णन करते हुए महाराज ऋषभदेव के उपदेश के द्वारा भरत जी को बैराग 28 लड़कों के बारे में कथा श्रवण कराई नाटकों में वह व्यक्ति जाते हैं जो दूसरे की चुगली करते हैं निंदा करते हैं चोरी करते हैं झूठ बोलते हैं बुरे कर्मों में आसक्त रहते हैं वह व्यक्ति नर्क गामी होते हैं इसलिए भागवत कथा हमें यही सिखलाती है कि हम हमेशा सत्य के मार्ग पर चलें झूठ ना बोलें कपट ना रखें किसी जीव से द्वेष ना करें आगे चलते हुए गुरु की महिमा का वर्णन किया गुरु ही शिष्य के जीवन में परिवर्तन करके भगवान को प्राप्त कराते हैं आगे चलते हुए समुद्र मंथन की कथा बामन भगवान का अवतार वामन भगवान देवताओं के कार्य सिद्ध करने के लिए राजा बलि के द्वार पर जाते हैं तीन पग भूमि संकल्प कराया दो ही पग में सारे संसार की वस्तु को नाप लिया बामन भगवान के सुंदर झांकी का दर्शन एवं कथा श्रवण करने के लिए भक्त भावविभोर हुए हरिवंश उपाध्याय रविंद्र दुबे सजीवन मिश्रा संजय मिश्रा गणेश अग्रहरि बसंत मिश्रा भैरव सिंह रामजी कुशवाहा अशोक अग्रहरि झांके दुबे,छबीले पाण्डेय, बुद्धू गुप्ता, गोविन्द रस्तोगी, श्रीमती गीता देवी, किरन मिश्रा, चंदा देवी, सरला पाण्डेय, पार्वती रस्तोगी, रेखा देवी, शीला देवी, रामजी अग्रहरि धनराज कुशवाहा, गिरधारी रस्तोगी, विकास गुप्ता, अमीता रस्तोगी, राकेश गुप्ता आदि महिला पुरुष श्रोता गण उपस्थित रहे ।