एकतरफ तो केंद्र व राज्य की सरकार किसानों तथा खेती की सुरक्षा तथा प्रोत्साहन के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो लेकिन दूसरी तरफ जिम्मेदारों की लापरवाही से जमीनें बंजर होने के कगार पर हैं।
बता दें कि धानापुर विकासखंड अंतर्गत देढ़वलिया, पांडेपुर मिल्की, शहीद गांव व श्रीकांतपुर के बीच वॉटर लॉगिंग की वजह से लगभग 50 एकड़ जमीन पर पिछले सात आठ वर्षो से खेती नहीं हो पा रही है। किसानों का कहना है कि विभागीय उपेक्षा तथा भ्रष्टाचार के चलते खेती की जमीन बंजर होने के कगार पर है। दरअसल देढ़वलिया, पांडेयपुर मिल्की व श्रीकांतपुर के मध्य फसलीय खेतों का सिवान है जिसकी सिंचाई के लिए धानापुर रजवाहा से माईनर जाती है। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग माईनर की सिल्ट सफाई तथा मेड़ बंदी के नाम पर सरकारी धन तो निकालता है लेकिन विभागीय कमीशनखोर अधिकारी व ठेकेदारों की मिलीभगत से सारा काम कागजों पर ही निपट जाता है जिससे हर साल क्षेत्र की उपजाऊ जमीन पर केवल एक ही फसल हो पा रही है। किसानों का कहना है कि इस बात की जब भी शिकायत सिंचाई विभाग के जेई व अन्य अधिकारियों से की जाती है तो वे उल्टा किसानों के सर पर ही समस्या खड़ा करने का ठीकरा फोड़ देते हैं। इसके बाबत उपजिलाधिकारी सकलडीहा अनुपम मिश्र से बात की गई तो उन्होंने कहा कि समस्या के विषय में अभी तक कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई है लिखित शिकायत मिलते ही जांच टीम गठित कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।