Home चंदौली संवेदन हीन कालेज प्राचार्य, क्या होगा छात्राओं का भविष्य

संवेदन हीन कालेज प्राचार्य, क्या होगा छात्राओं का भविष्य

लाखो में कमाई करने वाले कालेज में छात्राओं के लिए नही एक भी सुविधा

चंदौली।कहते है प्राचार्य छात्रों के अभिभावक मार्गदर्शक होते है।समाज में संघर्ष करने का साहस देते है।लेकिन क्या करेंगे जब प्राचार्य ही संवेदन हीन और बिगड़ैल मिजाज के हो? मामला चंदौली स्थित सुदामा देवी महिला पीजी कालेज का है जहा मार्केट से लगभग एक किलोमीटर दूर खेत तलैया में बने कालेज में पढ़ने वाले छात्राओं ने जब छात्रवृत्ति का फार्म जमा करने पहुंची तो कार्यालय में एक कागज कम पड़ गया जिसको लेकर कार्यालय में कार्यरत एक कर्मचारी से फोटो स्टेट कापी करने की बात कही जिसे लेकर वहा मौजूद प्राचार्य भड़क गए और कहे की जा कर बाहर से करवा कर लाओ एक छात्रा ने दबे स्वर में कहा सर जी दो किलोमीटर पैदल जाने से अच्छा है आप बस एक कॉपी यही कर दीजिए पास में कही मार्केट भी नही है। जिसपर वहा मौजूद प्राचार्य डा आजाद अहमद अंसारी भड़क गए और कहा की अगर एक का करूंगा तो तुम लोग हमेशा ऐसे करोगी।छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा की एक कार्यालय में दो प्रिंटर होने के बाद भी एक कॉपी के लिए हम लोग दो किलोमीटर मार्केट पैदल गए और कालेज में जमा किए।हम लोग घर से किसी तरह संघर्ष कर के घर वालो से पैसे ले कर डी एल एड की पढ़ाई कर रहे है।और हमे नही पता था की कालेज में मानव संवेदना का कोई स्थान नहीं है।और हम लोगो को ये भी पता नहीं था की ये ही प्राचार्य है और जब प्राचार्य इतना संवेदन हीन है तो कालेज कितना संवेदन हीन होगा।अब सवाल यह उठता है कि ग्रामीण क्षेत्रों से पढ़ने वाली छात्राओं का भविष्य वैसे महाविद्यालय से पढ़ाई करने पर कैसा होगा?छात्राओं से लाखो कमाने वाले इस तरह के विद्यालयों को एक दो रुपए के फोटो स्टेट के लिए इतना संवेदन हीन होना चाहिए?।छात्राओं के मानसिकता पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा ?एक छात्रा ने नम आंखों से कहा की अगर हमे पता होता की ऐसा कालेज है तो हम लोग यहां एडमिशन ही नही लेते।आप को बताते चले कि कुछ वर्ष पूर्व में ऐसे ही एक निजी डी एल एड कालेज के द्वारा छात्र छात्राओं का आर्थिक शोषण किया जा रहा था और विरोध करने पर प्रायोगिक परीक्षा में फेल करवाने की धमकी दी जा रही थी।जिसकी शिकायत मिलने पर समाज सेवी एडवोकेट शैलेंद्र पांडेय कवि ने छात्र छात्राओं को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था जिसके बाद कुछ सालो तक शिक्षा का बाजारीकरण और व्यवसाय कर रहे शिक्षा माफियाओं पर नकेल कसी थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here