Home चंदौली समरसता के प्रतीक थे डा बी आर अंबेडकर–आर के द्विवेदी

समरसता के प्रतीक थे डा बी आर अंबेडकर–आर के द्विवेदी

चंदौली।आजाद समानता अधिकार मंच ने भारत रत्न बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि मनाई।समानता अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर के द्विवेदी ने बताया की संविधान बनाने वाले भारत के विद्वान महापुरुष, जिन्होंने भारत को चलाने के लिए एक नीति, सिद्धांत और कानून बनाया ,जिसे हम संविधान कहते हैं । इस संविधान के द्वारा भारत में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को उनके कर्तव्य और अधिकारों को संविधान में समाहित किया गया है । बाबा साहब अंबेडकर ने जीवन पर्यंत भारत के गरीबों तथा आम जनमानस की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए संविधान में उन्हें सामानता का ,स्वतंत्रता का, अवसर प्रदान किया । जिससे वह अपने जीवन को समाज के समक्ष प्रस्तुत करते हुए इस देश के भविष्य बनाने में अपना अमूल्य योगदान दे सके और कहा की बाबा साहब भारत के सबसे विद्वान महापुरुष थे, जिन्होंने विदेश में अध्ययन करते हुए इस देश के सबसे मूर्धन्य विद्वान बने और संविधान की रचना में महत्वपूर्ण योगदान दिया । जिससे आज सभी नागरिक, बच्चे ,महिलाएं नौजवान उन्हें अपना आदर्श मानते हैं । बाबा साहब ने कहा था’ शिक्षा ही शक्ति है’ जिनके पास शिक्षा है ,वही शक्तिमान है !इसलिए सभी को अपने जीवन में शिक्षा प्राप्त करने के अवसर ढूंढने चाहिए और उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने समाज की सेवा जरूर करें ,और उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक करें।बाबा साहब के सच्ची श्रद्धांजलि के इसी क्रम में हमारे आजाद समानता अधिकार मंच के माध्यम से शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षित करने के लिए और सीक्षा में समानता के लिए प्रयास रत है।
इस अवसर पर हिमांशु द्विवेदी लक्की, बृजेश कुमार मिश्रा ,किशन श्रीवास्तव, दिव्यांशु द्विवेदी,सौरभ कुमार मिश्रा सहित आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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