चहनियां। श्री रामलीला समिति रामगढ़ द्वारा श्री राम व हनुमान का मिलन, सुग्रीव और राम की मित्रता, बाली का वध आदि प्रसंगों का मंचन हुआ । रामलीला की शुरुआत बाबा कीनाराम मठ प्रबंधक अशोक सिंह, भोला भैया, प्रवीण पाण्डेय, रविन्द्र सिंह, शिवकुमार सिंह, आनंद सेठ, रिन्कू यादव, डॉ0 सुतप राय, डॉ0अशोक गुप्ता, डॉ0 मिथिलेश शर्मा, रजत जायसवाल, मोहन राजभर द्वारा श्रीराम चंद्र जी की आरती के साथ हुआ। लीला मंचन में पहली बार भगवान राम और हनुमान के मिलन का चित्रण किया गया। हनुमान जी श्री रामचंद्र जी और सुग्रीव के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करते हैं। इसके बाद सुग्रीव भगवान राम से कहते हैं कि उनके बड़े भाई बाली ने साजिश करके उनका राज्य हासिल कर लिया है और उन्हें किष्किंधा से बाहर निकाल दिया है। इसके बाद श्रीराम सुग्रीव को आश्वस्त करते है कि आप के समस्त समस्या का समाधान होगा। मैं आप के भाई बालि का बध करूँगा। सुग्रीव राम की आज्ञा पाकर रणभूमि में बालि को ललकारता है लेकिन बालि रणभूमि में आता है सुग्रीव से मलयुध्य होता है सुग्रीव पराजित होता है और राम से कहता है प्रभु आप को अगर बाली को नही मारना था तो मुझे उसके पास क्यो भेज दिए। श्री रामचंद्र जी ने कहा सुग्रीव तुम्हारे भाई का बालि का चेहरा आप से मिल रहा था इसलिए मुझे बाण छोड़ना मुस्किल हो गया । राम ने सुग्रीव के पहचान के लिए माला पहनाया और पुनः रणभूमि में भेज दिया इस बार रामचंद्र ने एक ही बाण बालि का बध कर दिया । बालि अपना प्राण छोड़ने से पहले राम को कोसता है लेकिन उसको पता चलता है कि राम विष्णु के अवतार है तो ओ उनको प्रणाम करता है अपने बेटे अंगद को उनकी सेवा में समर्पित करते हुए अपने प्राण त्याग देता है ।तत्पश्चात राम लक्ष्मण के आदेश पर सुग्रीव का राज्याभिषेक किये.रामलीला के दौरान मुख्य रूप से धनञ्जय सिंह, प्रभुनारायण सिंह, व्यास शोभनाथ पाण्डेय, शिवदत्त पाण्डेय, प्रभुनाथ पाण्डेय, खदेरन पाण्डेय, कृष्ण गोपाल पाण्डेय, ऋषिकेश यादव, बच्चन सिंह, मुकेश साहनी, मुलायम यादव, राजेश गुप्ता, रामकृपाल सिंह, अर्पित पाण्डेय, रोहित गुप्ता, विनय सिंह, संदीप पाटिल, त्रिभुवन सिंह, राकेश यादव, उमेश कुशवाहा आदि लोग मौजूद रहेंगे ।