Home चंदौली धानापुर में हुआ रामलीला का शुरुआत

धानापुर में हुआ रामलीला का शुरुआत

धानापुर। धानापुर सुप्रसिद्ध रामलीला का आज नारद मोह प्रसंग से प्रारंभ हुआ, बताते चलें कि वर्षो परंपरा का निबाह करते हुए आधुनिक सुविधाओं के साथ ही नए नए कलाकारों ने नारद मोह का प्रसंग किया, जिसमें नारद मुनि तपस्या करने जाते है जहां उनकी तपस्या को भंग करने के लिए भगवान इंद्र कामदेव को भेजते हैं तब नारद मुनि कामदेव को समझते हुए कहते है कि हे काम देव जाओ अपने इंद्र से कह दो की हर ऋषिमुनि इंद्रासन पाने की कामना से तपस्या नही करते हैं। तपस्या पूरी करने के बाद नारद मुनि शिव लोक कैलास पर पहुचते वहा त्रिलोकपति भगवान शिव आने कारण पूछते हैं तब नारद मुनि पूरा वृतांत बताते हुए कहते है कि मैंने कामदेव पर विजय प्राप्त कर लिया हैं यह कहने पर नारद मुनि का अहंकार दिखाई दे रहा था इसपर भगवान शिव ने कहा कि इस वृतांत का जिग्र किसी ने नही करना इतना सुनने के बाद भी अपने पिता ब्रह्मा के पास गए और वह भी इसी बात को दोहराते हुए कहते हैं इस पर ब्रह्मा जी भी कहते हैं की यह बात नारायण को नही बताइयेगा।
परन्तु नारद जाते है नारायण लोक वहा जाकर सारा वृतांत सुनाते हैं परंतु नारायण तो अंतर्यामी हैं वह समझ गए कि नारदमुनि को मोह हो गया है इनका मोह भंग करना होगा और मायापूरी नामक नगर में विश्वमोहनी के स्वयंवर की रचना रचते हैं वहा नारद मुनि जाते और विश्वमोहनी को देखकर मोहित हो जाते है और स्वयंवर में उपस्थित श्रीहरि से उनके हरि मुख की कामना करते हैं इसपर श्रीहरि बिष्णु तथास्तु कहते है और हरी(बानर) मुख प्रदान करते हैं जहा उनका बहुत उपहास होता हैं उधर विश्वमोहिनी श्रीहरि को वरमाला पहना देती हैं उसी समय नारदमुनि का मोहभंग हो जाता है ।उपस्थिति-सनतकुमार द्विवेदी,अरविंद मिश्रा, वेद प्रकाश द्विवेदी,अरुन जायसवाल, बिपीन प्रताप रस्तोगी, सतीश सेठ, रामलाल सेठ,अशोक,शुभम इत्यादि सहित सैकड़ों दर्शक उपस्थित रहे ,
मुख्य कलाकार -अच्युतानंद(इंद्र),घनश्याम मौर्या(कामदेव),मोनू मौर्या(कालादेव),शिवकुमार(नारद),बनवारी,गिरधारी,मनन,देवांश,शिवांस,मृगाग,गगनु,शिवम इत्यादि।मुकेश दूबे

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