चहनियां। कांवर स्थित महड़ौरी देवी सिद्धपीठ परिसर में अयोध्या पीठाधीश्वर रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य विद्या भास्कर जी महाराज ने चतुर्मासा महायज्ञ के तीसरे दिन कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान के विभिन्न रूप होते है । मनुष्य योनि में जन्म लेने वाले मनुष्य केवल भगवान के पूजन अर्चन, गरीबो, जीवो पर मानवता दिखाकर ही मोक्ष की प्राप्ति कर सकते है । “अहिंसा परमो धर्म” भगवान श्रीकृष्ण गीता के उपदेश में भी कहा है कि किसी भी जीव की हत्या नही करनी चाहिए । क्योंकि हर जीव में भगवान का वास होता है । श्रीकृष्ण कहते है की मैं हर जीव में हूं । अगर आप किसी भी जीव की हत्या करते है तो वह भगवान का अनादर होगा । अगर सदगति चाहते है तो हिंसा न करे । अक्सर हिंसा करने वाले नशा करके जीवो को मारते है । नशा नही करना चाहिए । कहा कि नशा करने से परिवार की निगाह से तो गिरता ही है समाज मे भी कोई इज्जत नही रहती है । नशा करना है तो भगवान की पूजन अर्चन व भक्ति की नशा करे । यकीन मानिये बहुत सुकून मिलेगा। इस दौरान यज्ञ समिति के अध्यक्ष राधेश्याम सिंह, गृजेश सिंह, रुपिंदर सिंह, उमेश सिंह, रमेश सिंह, बलराम पाण्डेय, राजू सिंह, छोटे पाण्डेय आदि उपस्थित थे।