चकिया । नगर कि सुप्रसिद्ध मां झण्डा वाली माता। इनकी कहानी हमारे पुरखों के जमाने से चली आ रही रामनगर के राजा बलवंत सिंह उनके बेटा प्रभु नारायण सिंह उनके बेटा आदित्य नारायण सिंह उनके बेटा विभूति नारायण सिंह उनके बेटा आनंद सिंह । चकिया चौक झण्डा वाली माता का पुजा बलवंत सिंह के बेटे प्रभु नारायण सिंह ने सुरू किया था।जो आज यह पुजा चकिया नगर में झण्डा वाली माता के नाम से मशहूर हो गया।जो एक साल में दो बार नगर पंचायत चकिया का पुजा यही झण्डा वाली मां के चरणों में समर्पित किया जाता है। एक छोटा पुजा।जो हवन के रूप में होता है।ओ मता झण्डा वाली माता के चरणों में समर्पित कर दिया जाता है। और एक माह के बाद बड़ा पुजा होता है जो खुबसूरत ढंग से मां कि डोला खटोला के साथ चकिया नगर में जितनी माई भगवती डिह डीहवार सायर दैतराबीर के सवारियों(वाहनों?)जैसे नगर डिह कि सवारी सुवर एवं सुवर के बच्चे काली की सवारी भैंसा सायर कि सवारी मुर्गा व चुज्जा एवं बकरा व अन्य लोगों की अन्य सवारियों के साथ हुड़ुक बाजा एवं अन्य बाजा गाजा के साथ लोग हाथों में मां झण्डा वाली का झण्डा लिए हजारों के भिड़ में बड़े हर्षोल्लास के साथ जुलूस बना कर पुरे चकिया नगर में पूरी रात भ्रमण करते है। लोगों की ऐसी मान्यता है की झण्डा वाली माता के दर्शन करने से मनोकामन पूरी होती है और उनके रात्रि जागरण करने से सभी प्रकार का कलेस मिट जाता है। साभार- अमल कुमार मिश्रा