चहनियां। चहनियां क्षेत्र में विगत कई वर्षों से कई अल्ट्रासाउंड केन्द्र व दर्जन भर निजी अस्पताल धड़ल्ले से चल रहे है । ना इनके पास एक्सपर्ट है, ना विशेषज्ञ है, ना एमबीबीएस होल्डर चिकित्सक है। लेकिन इनके बोर्ड पर बड़े बड़े अक्षरों में अनेक रोगों के इलाज की बात लिखी गई है। वहीं अल्ट्रासाउंड व पैथालाजी सेन्टरों की हाल है। हुआ कुछ रहता है रिपोर्ट कुछ और देते है। निजी हॉस्पिटलों व कुछ सरकारी चिकित्सकों, सीएचओ व आशाओं के साठगांठ से इनका धन्धा जमकर फलफूल रहा है।अधिकारी आंखे मूंदे है और कार्यवाई के नाम पर महज कोरम पूर्ति करते हुए दिख रहे है।चहनियां क्षेत्र के दर्जन भर प्राइवेट हॉस्पिटल जो किसी एमबीबीएस डाक्टर की डिग्री लगाकर रजिस्ट्रेशन करा लिए है और इलाज किसी झोला छाप चिकित्सकों के सहारे कराकर मरीजों का शोषण तो करते ही है ऊपर से जांच के नाम पर अल्ट्रासाउंड व पैथालाजी सेंटर भी पीछे नही है । बताया जाता है कि क्षेत्र में दर्जनों निजी अस्पताल, अल्ट्रासाउंड व पैथालाजी केन्द्र चल रहे है । जिसमें कायदे से रजिस्ट्रेशन भी नही है। ना ही इनके पास एक्सपर्ट, विशेषज्ञ या एमबीबीएस चिकित्सक है। प्राइवेट हॉस्पिटलों की अधिकारियों व इन पैथालाजी व अल्ट्रासाउंड सेन्टरों से मिली भगत होती है । जैसे ही कोई मरीज दिखाने के लिए जाता है जांच के नाम पर पर्ची थमाकर अल्ट्रासाउंड व पैथालाजी सेंटर पर भेज दिया जाता है । डॉक्टर सलाह भी दे देते है कि बिना जांच के दवा नही दिया जायेगा । सबसे बड़ी बिडंबना है कि ये सेन्टर जांच रिपोर्ट भी सही नही देते है । मरीजों को यदि कोई रोग हुआ होता है तो उसकी रिपोर्ट न देकर दूसरा रिपोर्ट देकर रुपये ऐंठने का काम किया जाता है । गरीब भोले भाले मरीज इनके झांसे में आकर इनकी बातें मानने पर मजबूर हो जाते है। इसके बदले में सेन्टर संचालक रेफर्ड डाक्टर, आशाओं व निजी अस्पताल संचालकों को निश्चित धनराशि का भुगतान भी करते है। इन सबको जानते हुए भी जिला प्रशासन की चुप्पी और कभी कभार कार्यवाई के नाम पर महज कोरम पूर्ति उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा को धता बता रही है। इस संदर्भ में पीएचसी चहनियां के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ0 रितेश कुमार का कहना है कि अभी तक इस सम्बन्ध में किसी की शिकायत नही मिली है । यदि किसी की शिकायत मिलती है तो कार्यवाही निश्चित है ।