Home धर्म/ज्ञान ब्रज गोपियों के अंदर भगवान कृष्ण के साथ नृत्य करने का भाव...

ब्रज गोपियों के अंदर भगवान कृष्ण के साथ नृत्य करने का भाव था…

कमालपुर !रामलीला मैदान में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा का श्री धाम वृंदावन से पधारे कथा व्यास आचार्य मनोहर कृष्ण जी महाराज के द्वारा षष्टम दिवस की कथा श्रवण कराई गई कथा के मध्य रासपंचाध्याई की कथा श्रवण कराई। आज की कथा मे भगवान कृष्ण ब्रज गोपियों की इच्छा को पूर्ण करने के लिए शरद पूर्णिमा मे अर्ध रात्रि जमुना किनारे महारास का दर्शन कराए! ब्रज गोपियों के अंदर भगवान कृष्ण के साथ नृत्य करने का भाव था !भगवान माता यशोदा के ही उंगली को पकड़कर के नृत्य करेंगे, भगवान भक्तवत्सल है ब्रज गोपियों की भगवान ने इच्छा को जमुना के किनारे बंसीवट में पूर्ण किया आगे चलते हुए मथुरा जाकर के भगवान कृष्ण और बलराम ने कंस का उद्धार किया! भगवान कृष्ण ने उग्रसेन जी को बंधन से मुक्त करते हुए भगवान का यज्ञोपवीत संस्कार हुआ गुरुकुल विद्याध्यान करने के लिए उज्जैन गए सांदीपनि मुनि के आश्रम में अल्प समय में ही विद्या को प्राप्त किया! सुदामा जी से मित्रता हुई आगे चलते हुए भगवान वापस मथुरा आए माता देवकी 56 भोग लेकर के गई! भगवान के थाली मे माखन रखा हुआ देखते ही भगवान को मैया यशोदा की याद आई भगवान माखन को देख करके रोना प्रारंभ कर दिया! उद्धव जी महाराज आए और उद्धव जी को भगवान कृष्ण ने माता यशोदा से मिलने के लिए ब्रज भेज दिया, उद्धव गोपी संवाद का विस्तार से वर्णन किया गया आगे चलते हुए भगवान मथुरा छोड़कर के द्वारिका गए, द्वारकापुरी का सुंदर निर्माण एवं भगवान कृष्ण का रुक्मणी के साथ विवाह संपन्न हुआ!कथा मे सुंदर झांकी का दर्शन , सभी श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए!कथा मे मुख्य रूप से हरिवंश उपाध्याय रविंद्र दुबे सजीवन मिश्रा संजय मिश्रा गणेश अग्रहरी, संतोष कुमार, बसंत मिश्रा, श्रीमती गीता देवी, किरन मिश्रा, चंदा देवी, सरला पाण्डेय, पार्वती रस्तोगी, रेखा देवी, आरती यादव, झांके दुबे राम जी भैरव अशोक सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे ।

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